अल्प विस्तार फायर एसकेप में
वह व्यक्ति एक पत्रकार है
बुध्दिमानी उसकी अभिव्यक्ति
और उडनतशतरियां
रखीं हैं निशानियाँ उसके कपोलों पर
उसे केले के फूल पसंद हैं
साथ ही वर्षा की झडी और लकडी की कलाकृतियां
दो खंड वार्तालाप के
एक वाक्य, और कुछ शब्द
उसकी साफ सुथरी तिपाई पालिसी
रक्तस्राव :
कभी – कभी दृढता से चाक करता है वह
अपना शरीर कंठ से
पौरूष तक, एक नौका उतारता है
क्रोधित लहरों पर
बैठा निहारता है
जाने और कितने जलपोत
और उनकी मुठभेड
उनके विषय में मैं कहाँ कुछ जानती हूँ!
मैं उतना ही जानती हूँ
जितना एक कौवे की पुकार
या वीर्य, या तुम
जो बैठे
सुन रहे हो यह
एनट्रापी| उनको
पसंद हैं मेरे पैर की उँगलियों के खड्डे
उसने मांगे हैं डाक से मेरे नख
Original poem in English “A Detail in the Fire Escape” by Linda Ashok
Saima Afreen won Museindia Monthly Poetry Contest in 2010 and Wordweavers Poetry Contest in 2013 respectively. Her poems were shortlisted for RL Poetry Award, 2013. Her poems have been featured in Open Road Review, Brown Boat, Coldnoon Travel Poetics, The Asian Age, Nivasini Publishers, The Telegraph and many other publications. She is from Calcutta and at present lives and works in Hyderabad.
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